Friday, April 3, 2015

Indian Geography

भूगोल - भारत का भूगोल

भूगोल विषय कि सबसे पहले शुरुवात यूनान के निवासियो में हुई, वहीँ से भूगोल का उदय हुआ । इसका श्रेय यूनान के निवासियो को जाता है । भूगोल को एक अलग अध्यनशास्त्र के रूप में प्रसिद्धि यूनानी विद्वान "इरैटोस्थनीज" ने स्थापित किया था । अतः इन्हे भूगोल का पितामाह भी कहा जाता है । इन्होने ही सर्वप्रथम भूगोल के लिए ज्योग्राफिका शब्द का प्रयोग किया था । एक विषय को अध्यन के रूप में सर्वप्रथम 19वी शताब्दी में मान्यता मिली थी । 20वी शताब्दी में भूगोल मनुष्य और पर्यावरण के अध्ययन के रूप में विकसित हुआ । इसकी दो विचार धाराएं थी - (1) संभावनावाद (2) नियतिवाद
(1) संभावनावाद - इसके अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृति प्रदूत अनेक संभावनाओ को अपनी इक्षा के अनुसार प्रयोग कर सकता है ।
(2) नियतिवाद - इसके अनुसार मनुष्य के सारे काम पर्यावरण द्वारा निर्धारित होते है अतः मनुष्य को स्वयेक्षापूर्वक कुछ करने कि स्वतंत्रता कम है ।

भूगोल कि परिभाषाएं -

स्ट्रैबो के अनुसार - भूगोल एक ऐसा स्वतंत्र विषय है, जिसका उद्देश्य लोगो को विश्व, आकाशीय, पिंडो, स्थल, महासागरों, ज़ीव जन्तुओ, वनस्पति, फलो तथा भू-धरातल के श्रोतो में देखी जानें वाली प्रत्येक अन्य वस्तु का ज्ञान प्राप्त करना है ।
आर्थर होम्स - भूगोल में पृथ्वी के उस भाग का अध्ययन किया जाता है जो मानव के रहने का स्थान है।

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